शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

भजन/दर्शन दो प्रभु कबसे खड़े हैं

आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मैं अपना लिखा एक भजन प्रस्तुत कर रहा हूँ.....

दर्शन दो प्रभु कबसे खड़े हैं।
हम भारी विपदा में पड़े हैं।

कोई नहीं प्रभु-सा रखवाला,
मेरे कष्ट मिटाने वाला,
जीवन में कर दीजै उजाला;
आप दयालू नाथ बड़े हैं.......

झूठी माया झूठी काया,
लेकर मैं दुनिया में आया,
दुनिया में है पाप समाया;
भरते पाप के रोज़ घड़े हैं........

पाप हटे मिट जाये बुराई,
सबमें पडे़ प्रभु आप दिखाई,
इच्छाओं ने दौड़ लगाई;
कितनी गहरी मन की जड़े हैं.......
Copyright@PBChaturvedi

7 टिप्‍पणियां:

  1. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
    ----
    INDIAN DEITIES

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दरे भजन है श्रीकृ्ष्न जन्मश्टमी की बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत भावपूर्ण गीत..
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई..

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये भजन बहुत अच्छा लगा! स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
    मेरे नए ब्लॉग पर आपका स्वागत है -
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं